उद्देश्य

  • देवनागरी लिपि और राष्ट्रभाषा हिंदी का व्यापक प्रचार - प्रसार और हिंदी भाषा एवं साहित्य का संवर्धन ।

  • हिंदी के माध्यम से राष्ट्र की भावनात्मक एकता और अखंडता का परिपोषण ।

  • राष्ट्रीय शिक्षा - पद्धति के अंतर्गत हिंदी के माध्यम से प्राथमिक से लेकर उच्चतर स्तर तक की शिक्षा के लिए शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और संचालन ।

  • हिंदी भाषा और साहित्य के उन्नयन के साथ - साथ देश की हिंदीतर भाषाओं से संपर्क और पारस्परिक आदान - प्रदान एवं बिहार और झारखण्ड की अन्य क्षेत्रीय और जन - जातीय भाषाओं से संपर्क - सहयोग ।

  • भाषा , साहित्य , कला और संस्कृति के माध्यम से लोक - जीवन में जागृति ।

  • देश - विदेश में हिंदी का प्रचार - प्रसार करनेवाली संस्थाओं से पारस्परिक संपर्क और सहयोग । अन्य विदेशी भाषाओं से भी हिंदी को समन्वित करने का प्रयास ।

  • समकक्ष मान्यता प्राप्त ) परीक्षाओं का संचालन ।